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सच.....

 एक चेहरे की तलाश ने

कितने चेहरों से रू - ब- रू करा दिया,

बस एक गलतफहमी,

और सारा सच सामने आ गया,

वो फरेब- ए- यार था,

दिलकश थी जिसकी हर अदा,

उस फरेब- ए- यार का,

हर सच सामने आ गया।

कितने सजदे, कितने वादे,

थे मेरे दिल ने किए,

इस नासमझ नादां का,

हर एक सच सामने आ गया।

कोई नहीं मैं उसकी, वो था नहीं कोई मेरा,

जिसके थे सब, उन सबों में कोई न थी मेरी जगह,

एक बात पर हर बात का सच सामने आ गया।

बस एक गलतफहमी,

और सारा सच सामने आ गया।।

निरुपमा (20.8.20)

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