चंद रिश्तों के नाम नहीं हुआ करते, उनके जुड़ने की पर चर्चा बहुत होती है.. मुझको मेरे घर का रस्ता बता ज़रा, मैं खुद को शायद कहीं तुझमें भूल आई हूँ..
ज़िन्दगी के सफहों को पलटते हुए, कुछ ख़ास पल जैसे हाथ पकड़कर रोक लेना चाहते हैं!
ज़िन्दगी के सफहों को पलटते हुए, कुछ ख़ास पल जैसे हाथ पकड़कर रोक लेना चाहते हैं!