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Showing posts from January, 2020

जो तुम न होते तो कहो किस से गिले होते...

मुमकिन नहीं है वक़्त के रुख को यूँ मोड़ना , वरना तो क्यूँकर आपसे यूँ फ़ासले होते , तस्वीर जैसे अनगिनत परतों से घिर गयीं, वरना तो क्यूँकर पस्त अपने हौसले होते , तुझसे किये वादों की शमा जलती रही है , वरना तो क्यूँ न टूटकर हम रो दिए होते , सुनते थे इश्क तो कई जन्मों का साथ है , मिलकर बिछड़ने और फ़िर मिलने की बात है , क़िस्मत में दिल का टूटना पहले से लिखा था , जो तुम न होते तो कहो किस से गिले होते... ...निरुपमा ( 14.01.20)