अलहदा.... By Nirupama Bhardwaj October 12, 2022 चाहे छोड़ो तुम मुझे या मैं तुम्हे, अलहदा दोनो ही हो रहे हैं। निरुपमा (11.10.22) Read more
मुझे इश्क़ था.... By Nirupama Bhardwaj October 10, 2022 वो मजबूर था, उसे मजबूरियां नज़र आती थीं, मुझे इश्क़ था, बस दूरियां नज़र आती थीं। निरुपमा (10.10.22) Read more