दिल के टूटे की आवाज़ कहां होती है, दिल मगर टूटे तो बहोत देर तलक रोता है, कांंपने लगते हैं होंठ कुछ कहते नहीं, और शिकन आंखो में फ़िर साफ़ नजर आता है, एक छोड़ा हुआ होता है, दूजा छूटा हुआ, दोनो के दिल से पर आह... एक निकलती है, इश्क़ की शर्त है, रोना है, दर्द सहना है, लाख रोको मगर इश्क़ कब ठहरता है। निरुपमा (23.11.2023)
ज़िन्दगी के सफहों को पलटते हुए, कुछ ख़ास पल जैसे हाथ पकड़कर रोक लेना चाहते हैं!