हर बात याद है,
या सबकुछ भूल गए!
वो आवाज़, वो हंसी, वो शरारत, वो अंदाज...
हर बात याद है,
या सबकुछ भूल गए!
आज फिर एक बार टटोला दिल को,
आज फिर एक बार दिल में उतरे हैं।
अपनी उंगलियों से हौले हौले कुरेदा है,
फिर उसी ज़ख्म को देखने उतरे हैं।
और देखा,
हर बात याद है अब भी,
हर बात याद है।
वो आवाज़, वो हंसी, वो शरारत, वो अंदाज...
निरुपमा(11.11.2021)
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