ज़रा सा बचपना था अक्सर,
ज़रा पागल वक्त कर गया।
मुझको मेरा ख्याल रखना था,
मैने खुद को बर्बाद कर दिया।
निरुपमा(20.1.21)
ज़िन्दगी के सफहों को पलटते हुए, कुछ ख़ास पल जैसे हाथ पकड़कर रोक लेना चाहते हैं!
ज़रा सा बचपना था अक्सर,
ज़रा पागल वक्त कर गया।
मुझको मेरा ख्याल रखना था,
मैने खुद को बर्बाद कर दिया।
निरुपमा(20.1.21)
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