न हाथ थामा, न नजरें मिलाई,
न गिले किए, न शिकवे को दरकिनार किया।
अपने-अपने अना की बात थी,
वो भी ख़ामोश रहे हम भी खामोश रहे।
निरुपमा (27.9.2022)
अना (गुरूर) self respect...
ज़िन्दगी के सफहों को पलटते हुए, कुछ ख़ास पल जैसे हाथ पकड़कर रोक लेना चाहते हैं!
न हाथ थामा, न नजरें मिलाई,
न गिले किए, न शिकवे को दरकिनार किया।
अपने-अपने अना की बात थी,
वो भी ख़ामोश रहे हम भी खामोश रहे।
निरुपमा (27.9.2022)
अना (गुरूर) self respect...
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