इन पलकों के ठीक पीछे जो चलता है वो क्या है!
रस्ते पर चलती कारें,
आसमान में उड़ते पंछी,
आते जाते लोग,
कोई नज़र ही नहीं आते,
इन पलकों के ठीक पीछे एक चेहरा होता है।
उस से जुड़ी अनगिनत यादें,
जो साथ जिए,
अनेकों ख्वाहिशें,
जिनको जीने का मौका ना मिला,
तुम्हे इस जीवन के अलग अलग क्षणों में लाकर देखा,
तुम्हारे आसपास खुद को रखकर देखा,
कभी अपने घर में तुमको,
कभी तुम्हारे घर में खुद को रखकर देखा,
स्कूल से कॉलेज की पढ़ाई तक साथ कर के देखी,
हर रोज़ होने वाली छोटी बड़ी घटनाओं में तुम्हारे साथ चलकर देखा,
और पाया,
आज भी इस दिल की अधूरी ख्वाहिश तुम ही हो,
आज भी इस अधूरे जीवन की पूर्णता तुमसे ही है।
.... निरुपमा(26.6.20)
Heart felt lines... :)
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